Brahman Ko Kabu Kaise Kare
देख भाई ये तेरा काम नहीं है | अरे तेरा तो क्या किसी माय के लाल की ताकत नहीं है की वो ब्राह्मण को काबू में कर सके | यदि फिर भी तू सपने देख रहा है और Brahman Ko Kabu Karne Ke Tarike यहाँ गूगल पर खोज रहा है तो वो तेरा वहेम है की वो तरीके यहाँ पर मिल जायेंगे | तुजे क्या लगता है की गूगल तुजे बता देंगा की Brahman Ko Kabu Kaise Kare |
अरे भाई अपने काम में ध्यान दे और खुश रह क्यों एसी बवालों में हिस्सा लेता है | और तुजे बता दू की यदि किसी ब्राह्मण को पता चल गया न की तू गूगल पर Brahman Ko Kabu Kaise Kare खोज रहा है तो वो तुजे कही का नही छोड़ेगा | इसलिए कृपया अपने काम पर ध्यान दो और खुश रहो |
आज के बाद कभी भी गूगल से या दूसरी कही पर ब्राह्मण को कैसे काबू किया जाए के बारे में खोजना मत क्यूंकि यदि ये पता किसी ब्राह्मण को लग गया न तो वो पहले तुम्हे घसिटेगा, नंगा करेगा और फिर इतना पिटेगा इतना पिटेगा की तू बाजार में किसी को मुह दिखने लायक नहीं रहेगा | और हा चल तुजे आज ब्राह्मणों के इतिहास के बारे में बता ही देता हु ताकि तेरे पर ये जो भुत सवार है की Brahman Ko Kabu Kaise Kare वो उतर ही जाये | और हा तुजे एक टिप भी देदु मुफ्त में की किसी को भी काबू करना है तो पहले उस व्यक्ति का इतिहास यानी की भूतकाल जानना बेहद ही जरुरी है |
ब्राह्मण को कैसे काबू किया जाए
ब्राह्मण आज भी अपने हुनर में दम रखते हैं,
होश उड़ जाते हैं अच्छे अच्छो के
जब ब्राहमण पैर रखते है महफ़िल में।
द्रोहो घातक वंश विनाशक
विषधरो को व्याल कहो |
अपकार यदि जो हो जाऊ,
ब्राहमण को तुम काल कहो ||
अपने कुल का मान करे ये कर्तव्य हमारा है |
औरो का भी सन्मान करे ये संविधान का नारा है
- जय ब्राहमणदेव
ब्राहमण जो भी करते है उच्च कोटि का करते है |
फिर वो चाहे किसी का विकास हो या किसी का विनाश क्यों न हो ||
Pandit Brahmin History
यदि किसी के मन में ये ख्याल आ रहा है की Brahman Ko Kabu Kaise Kare तो वो लोग कृपया ब्राह्मण के इतिहास को पढ़ ले और फिर तय करे की Brahman Ko Kabu Kaise Kare | चलिए जानते है की ब्राह्मणों का क्या इतिहास रहा है भूतकाल में |
ब्राह्मण समाज दुनिया के सबसे पुराने संप्रदायो में से एक सम्प्रदाय है । पुराण वेदो और उपनिषदों के अनुसार “ब्राह्मण समाज का इतिहास”, सृष्टि के रचयिता “ब्रह्मा भगवन” से जुड़ा हुआ है। वेदों के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि “ब्राह्मणों की उत्पत्ति” हिंदू धर्म के देवता “ब्रह्मा” से हुई थी। ऐसा भी माना जाता है कि वर्तमान समय में जितने भी ब्राह्मण समाज के लोग हैं वे सब भगवान ब्रह्मा के वंशज हैं।
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ब्राह्मण जाति का इतिहास प्राचीन भारत से भी पुराना माना जाता है, ब्राह्मण जाति की जड़े वैदिक काल से जुड़ी हुई हैं। प्राचीन काल से ही ब्राह्मण जाति के लोगों को समाज में उच्च स्थान प्राप्त था, उस समय ब्राह्मण जाति के लोग सबसे ज्ञानी माने जाते थे। इस जाति के लोगों को प्राचीन काल से ही उच्च एवं बड़े लोगों की श्रेणी में देखा जाता रहा है।
उस दौर में धार्मिक एवं जाति मतभेद वर्तमान समय के मुकाबले चरम सीमा पर था, हिंदू धर्म के लोगों को “ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र” चार हिस्सों में बांटा गया था। इस जाति के बंटवारे में ब्राह्मण समाज के लोगों को सबसे उच्च स्थान प्राप्त हुआ। उस दौर में ब्राह्मण जाति के लोगों को सबसे ज्ञानी एवं कर्मठ माना जाता था इसलिए इनका मुख्य कार्य ज्ञान धर्म और आध्यात्मिक ज्ञान की शिक्षा देना एवं राजकुमारों एवं राजघराने के लोगों को आचार्य बनकर ज्ञान देना होता था।
ब्राह्मणों को राज परिवारों में सबसे अधिक शोहरत और इज्जत दी जाती थी। इतिहासकारों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि एक हिंदू राजा के राज दरबार में राजगुरू (ब्राह्मण) की आज्ञा के बिना राजा कोई कार्य नहीं करता था। इस बात का सबसे प्रमुख उदाहरण चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य की जोड़ी थी।
प्राचीनकाल से वर्तमान काल तक ब्राह्मण समाज के लोगों ने कला, साहित्य, विज्ञान, राजनीति, संस्कृति और संगीत जैसी प्रमुख क्षेत्रों में अपना अहम योगदान दिया। प्राचीन भारत से आधुनिक भारत तक ब्राह्मण समाज में अनेकों महान व्यक्तियों एवं महान आत्माओं ने जन्म लिया जिनमें से परशुराम चाणक्य बाल गंगाधर तिलक आदि प्रमुख थे।
ब्राह्मण की औकात
यदि ऊपर बताई गई ब्राहमण का इतिहास जानकर भी तेरे मन से ये ख्याल नहीं गया है की Brahaman Ko Kabu Kaise Kare तो चल में ब्राहमणों की औकात तुजे बताता हु फिर तू तय करना की आगे तुजे क्या करना है जिन्दा रहना है या फिर मरना तय करेगा | क्यूंकि ये सब जानकार भी तू ब्राहमणों को काबू करने जायेगा तो तेरा मरना तो ब्राहमणों के हाथो से तय है |
हां ये बात सही है की ब्राहमणों हिंसा करने में नहीं मानते परन्तु बात फिर अपनी औकात की आ जाये और स्वमान की आ जाये तो वो किसी को जिन्दा नहीं रहने देते है | इसका जीता जगता उदहारण है भगवन परशुराम | तुजे पता ही होगा की भगवन परशुराम ने पूरी धरती को क्षत्रियो विहोनी कर दी थी | इसका मतलब ये था की उस समय पूरी धरती पर कोई भी क्षत्रिय नहीं बचा था | तो फिर तू तो एक टट्टू सा आदमी है तेरी क्या औकात की तू ब्राहमणों को काबू में करेगा |
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Brahman Ko Kabu Kaise Kare
यदि ऊपर लिखा हुआ सब कुछ पढ़ कर भी तुम्हारे मन से ब्राहमण को काबू में करने के भुत नहीं उतरा है तो हम भी तो देखे की तुम कैसे Brahman Ko Kabu Karte हो | और हा अपना ख्याल रखना क्यूंकि ब्राहमण को काबू करने से जाने से पहले सब कुछ जिन्दगी जी लेना क्यूंकि क्या पता ब्राहमण ही तुजे काबू करले और फिर तेरे साथ क्या कुछ करे |
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