Rajput Ko kaise Kabu Karen
Rajput Ko kaise Kabu Karen ? (राजपूत को कैसे काबू करें ?) यदि तूने गूगल से पूछ ही लिया है तो बता देते है की राजपूत कोई हलवा नहीं है जो तुजसे काबू हो जायेंगे | आपको बतादे की कोई भी राजपूत आपके काबू में नहीं आयेंगा क्युकी राजपूतो का खून ही उबला हुआ और गरम होता है की यदि किसी ने उन पर आँख उठा कर भी देख लिया तो वो उस देखने वाले की आँखे निकलकर गोटिया खेलेंगा | राजपूत काबू तो नहीं किया जा सकता बल्कि उससे दोस्ती करोंगे तो वो अपनी जान की बाज़ी लगा देगा वो दोस्ती निभाने में |
यार मुझे तो तेरी सोच पर हसी आ रही है | Rajput Ko kaise Kabu Karen ? अबे ओ साले अपनी औकात देखि है तूने ?? यार एक बार तेरा थोबड़ा तो देख लेते | अगर उस थोबड़े का रंग रखना है तो यहाँ से चलता बन |
यदि आप गूगल में खोज रहे है की Rajput Ko kaise Kabu Karen ? तो आप बिलकुल सही जगह आये है और आज में तुमको इस आर्टिकल के माध्यम से बताऊंगा की एक राजपूत को काबू में कैसे किया जाता है | यदि आपमें औकात है किसी Rajput Ko Kabu Karne की तभी ये पूरा पूरा पोस्ट पढ़े अन्यथा आप इस पोस्ट को यही से चले जाये क्युकी हम इस आर्टिकल में Rajput Ko Kabu me karne ke Tarike बताने वाले है |
Rajput Ko Kabu Mein Kaise Kiya Jaaye
अगर आप गूगल पर राजपूत को काबू में कैसे किया जाये वो सर्च कर रहे है तो सबसे पहले तो आपको आपकी हद को ध्यान में रखना चाहिए | हम आपको बतादे की सब लोगो के मन में जो भूसा भर गया है की राजपूत समाज एक क्रूर और क्रोधित समाज है तो उन लोगो की सोच बिलकुल गलत है | एक अच्चा आदमी कभी गूगल पर Rajput Ko Kabu Mein Kaise Kiya Jaaye सर्च कर ही नहीं सकता बल्कि उनके मन में ये ख्याल भी नहीं आता की किसीको उसे अपने काबू में करना है |
अगर मेरा माने तो ये Rajput Ko Kabu Mein Kaise Kiya Jaaye में कुच्छ नहीं रखा है और गुजरात सरकार मुफ्त में प्लाट आवंटित कर रही है उनमे जाके फॉर्म भर तो यहाँ राजपूत तेरे काबू में नहीं होंगा परन्तु सरकार की और से मुफ्त में प्लाट जरुर मिलेगा | मुफ्त प्लाट प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करे |
राजपूत के ताकत से तो पूरा ब्रम्हांड डोलता है तो आप और हम क्या चीज है | ये हम नहीं परन्तु हमारा इतिहास कहता है | राजपूत सदियों से अपने मिजाज से काफी चर्चे में रह चुके है और अभी भी उनके मिजाज के कारण चर्चे में है | वो अपनी माँ-बेटी यो की इज्जत उस तरह करते है की उनकी इज्जत के लिए अपनी जान भी न्योछावर करने से पीछे नहीं हटते है |
Rajputo Ko Kaise Kabu Mein Karen
में आपके साथ साथ सभी लोगो को कहना चाहता हु की तुम्हे तुम्हारे मनसे Rajputo Ko Kaise Kabu Mein Karen की सोच हमेंश के लिए निकल फेकनी है | क्युकी राजपूत को कभी काबू नहीं किया जा सकता | बल्कि उससे मैत्रीभाव रखने से वो आपकी उस तरह रक्षा करेंगा की जैसे वो आपका सगा भाई है | हम आपको इस पोस्ट में निचे राजपूत के मैत्रीभाव के कुच्छ किस्से भी बताएँगे की राजपूत अगर किसी से मैत्री करले तो वो अपनी मित्रता कैसे निभाता है | हमने हमारी दूसरी पोस्ट में पाटिल को काबू में कोपी करने के तरीके बताये है वो पढने के लिए यहाँ क्लिक करे | Patil Ko Kabu Me Kaise Kare
राजपूत लोगो का खून जोशीला हिने की वजह से वो सभी जगह हमेशां चर्चे में रहते है | हम सब देखते है की भारतीय क्रिकेटर रविन्द्र जडेजा भी चालू क्रिकेट मेच में कुछ नए नए करतब दिखाकर सब का मन मोह लेते है | और जब वो खेलना शुरू करते है तो रुकने का नाम ही नहीं लेते है | इसलिए हम आपको बता रहे है की आप के मन में ये ख्याल है की Rajput Ko kaise Kabu Karen तो उसे इसी वक्त मन से निकल फैके और राजपूत से मित्रता करले |
Rajputo Ko Kabu Mein Kaise Karen
Rajput Ko kaise Kabu Karen के सिर्फ 1 ही तरीका है | वो एक तरीका यही है की राजपूत से मित्रता करले |राजपूत लोग जोशीले मिजाज, गरम खून और किसी भी बात से पीछे न हटने की खासियत रखते है | यदि किसी भी व्यक्ति ने राजपूत से मित्रता करली तो वो चाहे किसी भी समाज का व्यक्ति हो वो उसे भाई के सामान मानता है | वो उसके परिवार को अपना परिवार मानता है और उनके मित्र के परिवार की भी रक्षा करता है | राजपूतो के सौर्य और वीरता के कई दाखिले हमें सदियों से सुने देते आ रहे है |
Rajputo Ko Kabu Mein Kaise Karen यार तुजे अपनी हद में रह कर सर्च करना चाहिए | क्यों की ये तेरे बस की बात नहीं है | क्युकी सदियों से राजपूत को कोई काबू नहीं कर सका है तो तू आज कल का बच्चा Rajput Ko kaise Kabu Karen ga |
Rajput Ko Control Me kaise Karen
- पंगा ले लेना बदूक की गोली से मगर कभी टकराना मत राजपूत की तलवार से |
- कोई भी मर्यादा तोड़े तो वीनास और जब राजपूत मर्यादा का उल्लघन करे तो सर्वनाश होता है |
- कहानी तो छोटे मोटे राजाओ की लिखी जाती है यार हम तो राजपूत है हमारा तो इतिहास लिखा जायेगा |
- अरे सुन भाई दहेशत बनावो तो शेर जैसी वर्ना कुत्तो को भी दहेसत आती है |
- जंगल में शेर और रस्ते में राजपूत से बच के रहना चाहिए क्युकी शेर सिर्फ पछाड़ते है और राजपूत गाड देता है |
- ये सब जानकार आपको Rajput Ko kaise Kabu Karen वो ख्याल अपने मनसे निकल देना चाहिए |
- कटे होंगे तुमने हजारो सर , परन्तु कभी हमारे गर्दन पर कभी तलवार रखके तो देखो , तलवार भी बोल पड़ेगी अरे बाप ये तो राजपूत है |
Rajput Ko Apne Vash Mein Kaise Karen
आखिर आप यही तक आही गए है और अभी तक आपके मन से Rajput Ko kaise Kabu Karen का ख्याल गया नहीं है और थान ही लिया है की Rajput Ko Apne Vash Mein Kaise Karen तो में आपको राजपूतो का इतिहास बताता हु वो पढो फिर सोचना की Rajput Ko kaise Kabu Karen |
Rajputo Ka Itihas
तो आज हम आपको rajputo ka itihas बताएँगे |उनका इतिहास जिनकी वीरता और दृढ संकल्प धर्म की रक्षा के लिए दुश्मनो के सर काटे और कटवाए | जिनका नाम सुनकर नसो में लहू दोड़ने लगता है | जिनके इतिहास के बगैर इतिहास भी फीका लगता है | जी हा दोस्तों ये है राजपूतो का स्वर्णिम इतिहास |
राजपूतो सूर्यवंशी,चन्द्र वंशी, अग्नि वंशी आदि है | राजपूतो को यह बात समजनी चाहिए की वो मूल तो क्षत्रिय है | राजपूत शब्द संस्कृत के राजपुत्र सब्द का अपभ्रंश है | जिसका अर्थ होता है राजा का पुत्र या शाही परिवार का किसी राजा का पुत्र | जो किसी राजवंश से सबंध रखता है | राजपूतो को ठाकुर भी कहा जाता है | जिसका मत्लभ होता है करता धर्ता | राजपूतो का गुणगान रामायण और महाभारत में भी पाया जाते है |
इस लिए में तुम्हे कहता हु की तू जल्द से जल्द अपने मनसे Rajput Ko kaise Kabu Karen का ख्याल निकल ले अगर ये बात किसी राजपूत को पता चल गया तो वो तुजे घसीट घसीट के मारेगा |
माता जैवंताबाई की कुख से कुम्भलगढ़ दुर्ग में जन्मे महाराणा प्रताप एक राजपूत राजा थे | प्रताप का बचपन का नाम किका था | और महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुन्दा में हुआ था | बचपन से ही साहसी,वीर, स्वाभिमानी एवं स्वतंत्रता प्रिय महाराणा प्रताप को जब राजगादी मिली तो उन्हें बहोत ही मुस्केलियो का सामना करना पड़ा |मगर सहस धरी और वीरता के साथ उन्होंने सभी मुक्केलियो का सामना किया | महाराणा प्रताप को बचपन में ही ढाल और तलवार चलाना सिखा दिया गया था और वो इस कला में पारंगत भी थे |
राजस्थान में कई परिवार अकबर की शक्ति के आगे घुटने टेक रहे थे | किन्तु महाराणा प्रताप अपने वंश को कायम रखने के लिए संघर्ष करते रहे और अकबर के सामने आत्मसमर्पण नहीं किया | जंगल जंगल भटकते हुए तरुण-मूल व् घास पट की रोटियों में गुजर बसर कर पत्नी एवं बचचो को विकराल परिस्थितिyo में अपने साथ रखते हुए भी उन्हों ने धरी नहीं खोया | पैसे के आभाव में सेना के टूटते हुए मनोबल को पुनजीवित करने के लिए दानवीर भामाशाह ने अपना पूरा खजाना समर्पित कर दिया | तो भी महाराणा प्रताप न्र कहा की सांय की आवश्यकता ओ के आलावा मुझेआपका कुछ भी नहीं चाहिए | अकबर के अनुसार महाराणा प्रताप के पास साधन सिमित थे, किन्तु फिर भी वो झुका नहीं डरा नहीं |
मेवाड़ में कही राजा हो गए पर उनमे से एक थे राणा संग्रामसिंह |राणा संग्राम सिंह वीर अवश्य थे किन्तु उनमे मित्र और शत्रु को परखने की क्षमता का अभाव था | उनकी प्रशंशा करके उनसे कुछ भी कराया जा सकता था | राणा संग्रामसिंह का सेवक था -बनवीर | बनवीर बड़ा धूर्त चालक और महत्त्वकस्क्षी प्रकुर्ती का व्यक्ति था | उसने राणा संग्रामसिंह की इस कमी का लाभ उठाया और उनकी झूठी सची प्रशंशा करके उनका विश्वश्पत्र बन बैठा था |
History Of Rajputana
माना जाता है की वास्तविक कुम्भगढ़ किले का निर्माण मौर्य साम्राज्य के राजा सम्प्रति ने छठी सताब्दी में किया था | 1303 में अलाउदीन खिलजी ने आक्रमण करने से पहले का इतिहास आज भी अस्पस्ट है | आज इस कुम्भगढ़ किले को देखते है तो उसका निर्माण सिसोदिया राजपूतो ने करवाया और वाही कुम्भ पर राज करते थे | आज जिस कुम्भगढ़ को हम देझते है उसे आर्त्कितेक्त एरा मदन ने विकसित किया था और अलंकृत किया था |